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जानिए ! रियल एस्टेट रेगुलेशन एक्ट RERA की मुख्य बातें

by 52patti.com Feb 23-2021

  1. RERA क्या है?

रेरा का पूरा नाम रियल एस्टेट विनियमन और विकास अधिनियम (RERA) है | यह वर्ष 2016 में भारत की संसद का एक अधिनियम है, यह अधिनियम घर खरीदारों के हितों की रक्षा और अचल संपत्ति उद्योग में अच्छे निवेश को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया है। दरअसल कई सालों से रियल एस्टेट सेक्टर परियोजनाओं की डिलीवरी में देरी, अपूर्ण परियोजनाएं, निर्माण की बढ़ती लागत, विनियामक मुद्दे, प्रक्षेपण इत्यादि जैसी बहुत सारी समस्या के निदान के लिए रेरा कानून को लाया गया।

इतना ही नहीं रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (RERA) रियल एस्टेट सेक्टर की निगरानी करता है और रियल एस्टेट परियोजनाओं से संबंधित विवादों को स्थगित करता है। इसके अंतर्गत एक प्राधिकरण का गठन किया जाएगा। इसका उद्देश्य खरीदारों के हितों की रक्षा के साथ ही प्रमोटरों और रियल एस्टेट एजेंटों के लिए एक पथ निर्धारित करना है।

RERA कानून क्या है?


अचल संपत्ति विनियामक प्राधिकरण बिल को 2013 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की सरकार के द्वारा पेश किया गया था। इस अधिनियम को शहरी आवास मंत्री डॉ. गिरिजा व्यास के द्वारा प्रस्तुत किया गया था, तथा स्टैंडिंग कमिटी को इसकी रिपोर्ट सौंपी गयी थी। राज्य सभा समिति की जाँच के आधार पर बिल में 20 प्रमुख संशोधनों के साथ उनकी सिफारिश पर दिसम्बर 2015 में भारत के केन्द्रीय मंत्रिमंडल के द्वारा इसकी मंजूरी दे दी गयी थी।

जिसके बाद चयन समिति के द्वारा 2015 में बिल की रिपोर्ट को सौपा गया। उसके बाद आवास और शहरी ग़रीबी उन्मूलन मंत्रालय ने रियल एस्टेट नियामक अधिनियम के 92 वर्गों में से 69 को अधिसूचित कर लिया, साथ ही इसे 1 मई 2017 से लागू भी कर दिया गया है। 

RERA कानून खरीदारों के लिए कैसे सहायक?


रेरा डेवलेपर्स और खरीदारों दोनों के लिए ही फायदेमंद है। इस कानून के तहत सभी लंबित परियोजनाएं पारदर्शी होते हुए समय पर वितरित होने लगेगी, जिससे ख़रीदारों को लाभ मिलना सम्भव होगा। जो खरीदार अभी जो भी परियोजनाएं पंजीकृत नहीं हुई है या अभी भी निर्माण चल रहा है अगर वैसे प्रोजेक्ट खरीद रहे है, उन्हें रेरा अधिनियम के तहत प्रोजेक्ट डिलीवरी के तहत जीएसटी और रेरा के प्रभावी होने पर मूल्य का निर्धारण भी प्रभावित होगा।

RERA कानून के तहत शिकायत प्रक्रिया 


रियल स्टेट कानून में शिकायत दर्ज कराने के लिए कोई समयावधि निर्धारित नहीं है, रेरा के नियमों के अंतर्गत शिकायतकर्ताओं को सीमा अधिनियम, 1963 में निर्धारित कार्यवाही की शुरुआत के लिए समय अवधि का पालन करना पड़ेगा। इस कानून के अंतर्गत समयावधि दावों पर निर्भर करेगी, तत्काल अंतरिम राहत प्राप्त करनें हेतु शिकायत के कारण होने वाली कार्रवाई के बाद RERA अथॉरिटी से शिकायत की जा सकती है।