by 52patti.com Apr 03-2021
बिहार में अब रजिस्ट्री के साथ ही स्वत: म्यूटेशन की प्रक्रिया जल्द ही शुरू हो जाएगी। जिससे जमीन मालिकों को अब म्यूटेशन के झंझट से मुक्ति मिल जायेगी। जी हाँ! बिहार सरकार अब से जमीन खरीद-बिक्री के मामले में बड़ा बदलाव करने जा रही है। लोगों को अब जमीन के दाखिल- खारिज के लिए किसी भी सरकारी कार्यालय नहीं जाना होगा।
दरअसल 31 मार्च 2021 से मकान, दुकान, फ्लैट , खेत, जमीन आदि की रजिस्ट्री के साथ ही म्यूटेशन की प्रक्रिया अब ऑटोमैटिक (स्वत:) शुरू हो जायेगी। इसके लिए अब जमीन मालिक को अलग से ऑनलाइन या ऑफलाइन आवेदन करने की जरूरत नहीं होगी। सरकार ने इस प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए जो व्यवस्था की है उसके तहत जमीन की रजिस्ट्री के बारे में पूरी जानकारी अपने आप सीओ के पास चली जाएगी।
नई व्यवस्था को शुरू करने के लिए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के संयुक्त सचिव ने सभी समाहर्ता को पत्र लिखकर आगामी 1 अप्रैल से अपने-अपने जिले के सभी निबंधन कार्यालय और अंचल कार्यालय को जोड़ने का निर्देश दिया है। एक अप्रैल को विभागीय मंत्री के द्वारा योजना का शुभारंभ करने के साथ यह प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
पुराने दस्तावेजों के म्यूटेशन के लिए करना पड़ेगा आवेदन
पुराने दस्तावेजों के म्यूटेशन के लिए पहले से जारी ऑनलाइन आवेदन की सुविधा जारी रहेगी। नई व्यवस्था में म्यूटेशन का जो केस पहले आएगा उसका निपटारा सीओ पहले करेंगे। ऐसा साफ्टवेयर डेवलप किया गया है कि अगर बाद वाले केस का निपटारा पहले करना भी चाहेंगे तो वो नहीं होगा। सूमोटो म्यूटेशन को भूमि सुधार की दिशा में एक क्रांति माना जा रहा है। इसमें ' फिटो ' (फर्स्ट इन, फर्स्ट आउट )की व्यवस्था लागू है। अभी तक रैयत को पहले दो प्रक्रिया से गुजरना पड़ता था. पहला निबंधन और फिर म्यूटेशन, अब एक ही बार में दोनों काम हो जायेगा।
सूओमोटो म्युटेशन की प्रमुख बातें
*मकान, दुकान, फ्लैट , खेत, जमीन आदि के दाखिल ख़ारिज का अब टेंशन नहीं, सरकार अपने आप करायेगी।
*रजिस्ट्री होते ही दाखिल ख़ारिज के लिए डीड(दस्तावेज) ऑनलाइन सीओ के पास चला जायेगा।
*जमीन मालिक के बिना आवेदन किये म्यूटेशन की प्रक्रिया हो जायेगी शुरू नई व्यवस्था इसी महीने से लागु हो सकता है।
*पुराने रजिस्ट्री वाले जमीन मालिक को दाखिल ख़ारिज के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा।
रजिस्ट्री के बाद म्यूटेशन होने के साथ ही रजिस्टर टू से भी पुराने जमीन मालिक का नाम हट जाएगा और नये खरीदार का नाम जुड़ जाएगा। जिससे नया जमीन मालिक अपने नाम से लगान कटा कर जमीन का नया रसीद पा सकता है वही अगर किसी जमीन का छोटा भाग बिकता है तो बेची गई संपत्ति के भाग से नया नाम जुड़ेगा। बाकि बचा जमीन पुराने मालिक के नाम ही रहेगा।