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हाउसिंग सोसाइटी में रहने वाले जाने ले ये कानूनी अधिकार

by 52patti.com Oct 10-2021

इन दिनों अधिकरत लोग फ्लैट्स और अपार्टमेंट्स या हाउसिंग सोसाइटीज में रहने को तरजीह दे रहे हैं। हाउसिंग सोसाइटी का सदस्य होने के नाते कुछ नियम व शर्तों का आपको पालन करना पड़ता है। सबसे पहले प्रशासन के सामने आपको अपने सभी अधिकारों का ब्योरा पेश करना होता है। इस बारे में जानना आपका हक है। सोसायटी और उसके सदस्यों के अपने अपने अधिकार हैं। इस बारे में विस्तार से बता रहे हैं -


वाजिब मेंटेनेंस चार्ज

मेंटेनेंस चार्ज में आमतौर पर हाउसिंग सोसायटी के रखरखाव का खर्च और बाद में मरम्मत के काम में आने वाला खर्च शामिल होता है। मेंटेनेंस चार्ज की गणना करने के कुछ आम तरीके जो सोसायटी अपनाती हैं। बतौर सदस्य आप यह जरूर जानना चाहेंगे कि कितना पैसा खर्च किया जा रहा है। इसके लिए आप अकाउंट बुक की मांग कर सकते हैं। सोसाइटी को कानूनी तौर पर आपको अपनी आखिरी बैलेंस शीट दिखानी पड़ेगी। इसके अलावा आप फायदे और नुकसान खातों की कॉपी भी मांग सकते हैं। 

हाउसिंग सोसाइटी से उधार

अगर आप वित्तीय समस्या से परेशान होकर बैंक का रुख करने की सोच रहे हैं तो विकल्प के तौर पर हाउसिंग सोसाइटी से पैसा उधार ले सकते हैं। को-अपरेटिव सोसाइटी के प्रावधानों के तहत अपने सदस्यों को वह पैसा उधार दे सकती है। 

हाउसिंग सोसाइटी आपको निकालने की कोशिश करे तो

महाराष्ट्र को-अॉपरेटिव सोसाइटीज एक्ट 1916 के सेक्शन 35 के अनुसार, हितों को नुकसान पहुंचाने वाला काम करने पर सोसाइटी किसी सदस्य को निकाल सकती है। लेकिन इसके लिए जनरल बॉडी मीटिंग में तीन-चौथाई सदस्यों से प्रस्ताव पारित कराना होगा। यह तब वैध नहीं माना जाएगा, जब तक सदस्य को अपना मुद्दा जनरल बॉडी के सामने पेश करने का मौका नहीं मिलता। प्रस्ताव को लागू करने के लिए रजिस्ट्रार की मंजूरी भी जरूरी है। 

सोसायटी के सदस्यों के हक -

1. वोट दे सकते हैं और सोसायटी के कामकाज में हिस्सा ले सकते हैं।
2. मैनेजिंग कमिटी के लिए चुनाव लड़ सकते हैं।
3. सोसायटी के बाईलॉज बनाने और उनमें सुधार करने में भागीदार बन सकते हैं।
4. अकाउंट्स व ऑडिट रिपोर्ट चेक कर उन पर टिप्पणी कर सकते हैं।

क्यों जरूरी है रेजिडेंट वेलफेयर एसोसियेशन

रेजिडेंट वेलफेयर एसोसियेशन (आरडब्ल्यूए) किसी सोसाइटी में रहने वाले लोगों का एक समूह है। यह उस सोसाइटी के रोजाना के कामकाज पर नजर रखता है। नया रियल एस्टेट कानून कहता है कि डेवलपर प्रोजेक्ट बनाने के बाद ओक्युपेंसी सर्टिफिकेट मिलने के कुछ महीने के अंदर ही आरडब्ल्यूए वहां रहने वाले लोगों को सौंप देगा।