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Building Construction: भवन निर्माण के नियम में आए बड़ा बदलाव

by 52patti.com Jul 15-2022

समय-समय पर सरकार द्वारा भवन निर्माण के नियम बदलते रहते हैं. इन्ही नियमों में बिहार राज्य के अब भवन निर्माण से जुड़े नियमों में बड़ा संशोधन किया गया है. इस नियम का उल्‍लंघन करने पर मोटा जुर्माना देना पड़ सकता है. बिहार सरकार ने इस प्रावधान को सख्‍ती से लागू करने की व्‍यवस्‍था की है. अगर आप बिहार में 100 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र में आवासीय भवन बनवाने योजना बना रहे हैं तो उससे पहले नक्शा बनाते समय ही सरकार के नए नियम का ध्यान रखना होगा. 


बिहार में बनने वाले सभी सार्वजनिक, औधोगिक और ग्रुप हाउसिंग भवनों में नए नियम के तहत रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की व्‍यवस्‍था करना जरूरी है. भवन निर्माण से पहले नक्शे में ही रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को दिखाना होगा, तभी नक्शा पास होगा. बिहार सरकार ने नए संशोधित बिल्डिंग बायलॉज में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्‍टम की अनिवार्यता की है. सरकार की ओर से किए गए प्रावधानों के तहत यदि नियमों का पालन नहीं किया गया तो भारी जुर्माना लगाया जा सकता है. 

क्या है रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम


रेन वाटर हार्वेस्टिंग खेती (Rainwater harvesting) का एक नया एवं आधुनिक तरीका है. रेन वाटर हार्वेस्टिंग को वर्षा जल संचयन (rain water harvesting) भी कहते हैं. रेनवॉटर हार्वेस्टिंग बारिश के पानी को जमा करने का एक तरीका है. जिसका इस्तेमाल बाद में खेती के लिए किया जाता है. इस विधि में जल का सरंक्षण किया जाता है. इससे धरती में पानी का स्तर भी बढ़ जाता है. 

इतना ही नहीं हमारे घरों में आने वाले पानी को हम तक सप्लाई करने से पहले हमेशा थोड़े से क्लोरीन से साफ़ किया जाता है. बारिश का पानी शुद्ध होता है और इसमें किसी भी तरीके की गंदगी और दूषित पदार्थ (जैसे कि नाइट्रोजन , ब्लीच, कीटनाशक, फैक्ट्री का केमिकल युक्त पानी आदि) नहीं होते हैं. क्योंकि यह पानी शुद्ध और मीठा होता है, इससे पौधों और मिट्टी में मौजूद नमक फ्लश हो जाता है और इसलिए यह ज़्यादा फ़ायदेमंद होता है.

नए संशोधित बिल्डिंग बायलॉज


नए संशोधित बिल्डिंग बायलॉज में सार्वजनिक स्थलों पर भी भूजल रिचार्ज पिट का निर्माण किया जा सकेगा. सभी सार्वजनिक बड़े जगहों पर रिचार्ज पिट का निर्माण होगा, ताकि भूजल के स्‍तर को दुरुस्‍त रखा जा सके. प्रदेश सरकार की ओर से यह प्रावधान जल संरक्षण के तहत किया गया है. बता दें कि राष्‍ट्रीय और अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर कई विशेषज्ञ जल संकट की ओर स्‍पष्‍ट संकेत कर चुके हैं. विशेषज्ञों ने आगाह किया है कि यदि समय रहते जल संरक्षण को लेकर सजग हुए तो भविष्‍य में इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं. खासकर भूजल के गिरते स्‍तर पर लगातार चिंता जताई जा रही है.

क्या है फायदें 


बारिश के पानी में बेहद कम दूषित पदार्थ होते है और यह मीठा पानी होता है. इसलिए आप बारिश के पानी को कपड़े धोने, बर्तन धोने, कार धोने, नहाने, और टॉयलेट फ्लश करने जैसी कई  चीज़ों के काम में इस्तेमाल कर सकते हैं. इसकी सबसे अच्छी बात यह है कि यह मीठा पानी होता है, इसलिए आपको कपड़े धोने के दौरान कम डिटर्जेंट इस्तेमाल करना पड़ेगा और आप खारे पानी से होने वाले नुकसान से भी बच सकेंगे.