by 52patti.com Sep 09-2022
टोकनाइजेशन (Tokenization) यह शब्द सुनते ही मन में एक सवाल आता है आखिर ये हैं क्या? सबसे पहले हमारे मन में यह सवाल आता है कि यह शब्द टोकन से संबंधित तो नहीं है। इसलिए आज हम लोग इस आर्टिकल के माध्यम से टोकनाइजेशन क्या है? (Tokenization) इसके बारे में जानकारी लेंगें।
दरअसल भारतीय रिजर्व बैंक ने क्रेडिट और डेबिट कार्ड Transaction को अधिक सुरक्षित बनाने के लिए एक नई व्यवस्था को लाया है, जिसे कार्ड टोकनाइजेशन यानी कि टोकन व्यवस्था नाम दिया गया है। टोकन व्यवस्था का प्रमुख उद्देश्य Payment System को और सुरक्षित और मजबूत बनाना है।
कार्ड टोकनाइजेशन है क्या?
जब भी आप ऑनलाइन सामान ऑर्डर करते हैं तुरंत उस वेबसाइट पर आपके कार्ड का ब्योरा आ जाता है जिसमें कार्ड नंबर व आपका नाम होता है। आपसे सीवीवी डालने के लिए कहा जाता है, फिर आता है ओटीपी और इसके भरने के बाद ट्रांजेक्शन पूरा हो जाता है, लेकिन अब काम एसे नहीं होगा।
रिजर्व बैंक ने 30 जून 2022 से ऐमजॉन, मिंत्रा, फ्लिपकार्ट, जोमैटो समेत सभी कंपनियों से कहा है कि वो कंज्यूमर के कार्ड का कोई भी डेटा जैसे कि कार्ड नंबर, CVV और एक्सपायरी डेट अपने पास नहीं रख सकते हैं। रिजर्व बैंक ने वीजा, मास्टरकार्ड और रूपे को कार्ड जारी करने वाले बैंक या कंपनी की तरफ से एक टोकन जारी करने की मंजूरी दी है।
आखिर क्यों जरूरी है टोकनाइजेशन?
क्रेडिट और डेबिट कार्ड होल्डर 30 सितंबर 2022 से पहले आप क्रेडिट और डेबिट कार्ड का टोकनाइजेशन जरूर कर दें। बता दें कि पहले आरबीआई ने क्रेडिट और डेबिट कार्ड का टोकनाइजेशन (Tokenization) की अंतिम तारीख 1 जुलाई 2022 रखा था जिसे बाद में बढ़ाकर 30 सितंबर 2022 कर दिया गया है।
दरअसल हर क्रेडिट और डेबिट कार्ड में के डेटा को अब एक यूनिक टोकन द्वारा रिपलेस किया जा रहा है। इस टोकन के जरिए ग्राहकों की पर्सनल डिटेल्स सुरक्षित रहती है और उसकी जगह एक यूनिक कोड दिखाई देगा। आरबीआई ने यह कदम क्रेडिट और डेबिट कार्ड के जरिए होने वाले फ्रॉड की घटनाओं को रोकने के लिए गया है। इतना ही नहीं आरबीआई ने टोकनाइजेशन सिस्टम (Tokenization) के लिए ग्राहकों को किसी प्रकार का शुल्क नहीं देना होगा और यह सिस्टम केवल घरेलू बाजार के लिए ही लागू होगा।
क्या है ये RBI टोकन का दायरा?
Visa, मास्टरकार्ड और रूपे जैसे कार्ड नेटवर्क्स आपको टोकन जारी करेंगे। इसके लिए इनकी तरफ से बैंक को सूचित किया जाएगा, जहां कुछ बैंक कार्ड नेटवर्क्स से यह भी कह सकते हैं कि उन्हें टोकन जारी करने से पहले बैंक से इजाजत लेनी होगी। ऑनलाइन पेमेंट करने वाले ग्राहकों को टोकनाइजेशन से होगा फायदा अगर कस्टमर्स ने मर्चेंट्स को कार्ड की डिटेल्स स्टोर करने की इजाजत दी है, तो उन्हें फिर से कार्ड रजिस्टर करना होगा।
हालांकि कार्ड का टोकेनाइजेशन (Tokenization) करवाना या न करवाना ग्राहक की अपनी इच्छा पर निर्भर करता है। अगर आप कार्ड का टोकेनाइजेशन नहीं करवाना चाहते तो आप पहले की तरह अपने ट्रांजैक्शंस जारी रख सकते हैं।