by 52patti.com Jun 25-2023
अगर आप भारत में 100 रुपये से अधिक की प्रॉपर्टी खरीदते हैं, तो आपको प्रॉपर्टी का रजिस्ट्रेशन (Property Registration) कराना अनिवार्य है। भूमि प्रॉपर्टी का रजिस्ट्रेशन (Property Registration) कानून, प्रक्रिया, शुल्क और दस्तावेज से संबंधी पूरी जानकारी इस ब्लॉग में दी है।
क्या है प्रॉपर्टी का रजिस्ट्रेशन?
पंजीकरण अधिनियम की धारा 17 के तहत भारत में प्रॉपर्टी का रजिस्ट्रेशन (Property Registration) अनिवार्य है। अगर प्रॉपर्टी का मूल्य 100 रुपये से कम है तो रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य नहीं है। स्टांप शुल्क और पंजीकरण शुल्क का भुगतान करने के बाद प्रॉपर्टी का पंजीकरण नए मालिक के नाम पर कर दिया जाता है। स्टांप शुल्क एवं पंजीकरण शुल्क हर राज्य में अलग-अलग होता है।
पंजीकरण अधिनियम, 1908 की धारा 17 के तहत यह कहा गया है कि 100 रुपये से अधिक मूल्य की सभी अचल प्रॉपर्टी की बिक्री पंजीकृत होनी चाहिए। प्रॉपर्टी के उन दस्तावेजों पर स्टाम्प शुल्क देना अनिवार्य है।
प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन कराने से पहले
खरीदार को प्रॉपर्टी को एक मालिक से दूसरे में कब और कैसे स्थानांतरित किया गया है, इससे संबंधित दस्तावेजों को क्रॉस-चेक करना चाहिए। प्रॉपर्टी खरीदने से पहले, बिजली बिल, पानी बिल, टैक्स आदि की जांच कर लें तथा उन्हें अपडेट कर लें।
इतना ही नहीं नियम और शर्तें, खरीदार और विक्रेता का विवरण, आदि को डीड में तैयार किया जाना चाहिए। यह बिक्री विलेख, उपहार विलेख, पट्टा विलेख आदि हो सकता है।
ऑनलाइन प्रॉपर्टी का रजिस्ट्रेशन
अब आप प्रॉपर्टी का पंजीकरण ऑनलाइन करा सकते हैं। स्टाम्प शुल्क और पंजीकरण शुल्क का ऑनलाइन भुगतान कर सकते हैं, और भुगतान रसीद प्राप्त कर सकते हैं। आपको नेट बैंकिंग/डेबिट कार्ड/क्रेडिट कार्ड या भुगतान बैंक का उपयोग करके भुगतान करना चाहिए।
प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन का शुल्क
प्रॉपर्टी का रजिस्ट्रेशन (Property Registration) शुल्क हर राज्य के लिए अलग है। आम तौर पर, पंजीकरण शुल्क प्रॉपर्टी मूल्य के 1% -3% के बीच होता है, जो अधिकतम 30,000 रुपये हो सकता है। राज्य समय-समय पर शुल्कों में संशोधन भी करते हैं।
प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन के लिए आवश्यक दस्तावेज
1. क्रेता और विक्रेता के पासपोर्ट साइज फोटो
2. दोनों पक्षों का पहचान प्रमाण- आधार कार्ड , पैन कार्ड
3. नई प्रॉपर्टी रजिस्टर कार्ड कॉपी
पॉवर ऑफ़ अटॉर्नी
4. प्रॉपर्टी रजिस्टर कार्ड कॉपी
5. नगरपालिका कर बिल की एक प्रति
6. NOC (अनापत्ति प्रमाण पत्र)
7. सत्यापित बिक्री विलेख प्रति
8. निर्माण पूरा होने का प्रमाण पत्र
9. स्टाम्प शुल्क और पंजीकरण शुल्क की भुगतान रसीद
संपत्ति का पंजीकरण न कराने पर
संपत्ति पंजीकृत नहीं है, तो मालिक को जोखिम होगा क्योंकि संपत्ति के स्वामित्व अधिकारों का दावा करने का कोई कानूनी सबूत नहीं होता है। यदि सरकार बुनियादी ढांचे के विकास हेतु संपत्ति का अधिग्रहण करती है, तो मालिक मुआवजे का दावा नहीं कर सकता है।